हमने हर शाम चिरागों से सजा रखी है Admin साई बाबा पर शायरी, आध्यात्मिक << मेरी औक़ात से बाहर मुझे क... है फिर भी सुकून कि 'तलाश'... >> हमने हर शाम चिरागों से सजा रखी हैमगर शर्त हवाओं से लगा रखी हैन जाने कौन सी राह से मेरे साईं आ जाएँहमने हर राह फूलों से सजा रखी है। Share on: