जहाँ निरंकार है Admin आध्यात्मिक << कल रात मेरी आँख से आँसू न... गोपाल सहारा तेरा है >> जहाँ निरंकार है, वहाँ अहंकार नहीं,और जहाँ अहंकार है वहाँ निरंकार नहीं होता,अपने आप को मिटने जैसी कोई जीत नहीं,और अपने आप को सब कुछ समझने जैसी हार नहीं। Share on: