अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता! तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता! यह तो करिश्मा Admin बदलते चेहरे शायरी, इश्क << कोई केह दे उन्हें अपनी ख़ा... तेरे घर आया मैं आया तुझको... >> अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता!तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता!यह तो करिश्मा है मोहब्बत का!वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता Share on: