अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता! तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता! यह तो करिश्मा

By April 17, 2018
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता! तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता! यह तो करिश्मा है मोहब्बत का! वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता
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