चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ Admin मराठी दुःख शायरी, इश्क << आँखों में आ जाते हैं आँसू कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया >> चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँतेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ।नशात = ख़ुशी महव-ए-यास = दुःख में खोना Share on: