नज़र और नसीब का कुछ ऐसा इत्तफाक हैं कि नज़र को अक्सर वही चीज़ पसंद आती हैं जो नसीब में Admin इश्क << एक पल के लिए मुझे भी याद ... मौसमे गुल हमें जब याद आया... >> नज़र और नसीब काकुछ ऐसा इत्तफाक हैंकिनज़र को अक्सर वहीचीज़ पसंद आती हैंजो नसीब में नहीं होतीऔरनसीब में लिखी चीज़अक्सर नज़र नहीं आती है Share on: