तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो। मंदिर में आरती और महफ़िल में Admin जिस्म शायरी हिंदी, इश्क << अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग... दस्तूर के लिखें पर टिकना >> तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो।मंदिर में आरती और महफ़िल में शमां कहते हो।मेरी किस्मत में भी क्या है लोगो जरा देख लो,तुम या तो मुझे बुझा देते हो या फिर जला देते हो Share on: