उधर ज़ुल्फ़ों में कंघी लग रही है और ख़म निकलता है

By April 17, 2018
उधर ज़ुल्फ़ों में कंघी लग रही है और ख़म निकलता है

इधर रग-रग से खिंच-खिंच के हमारा दम निकलता है



इलाही ख़ैर कर उलझन पे उलझन पड़ती जाती है

ना उनका ख़म निकलता है ना अपना दम निकलता है।
31750 viewsइश्कHindi