तप्त हृदय को:
By April 10, 2020
तप्त हृदय को:
तप्त हृदय को
सरस स्नेह से
जो सहला दे
मित्र वही है
रूखे मन को
सराबोर कर
जो नहला दे
मित्र वही है
प्रिय वियोग
संतप्त चित्त को
जो बहला दे
मित्र वही है
अश्रु बूँद की
एक झलक से
जो दहला दे
मित्र वही है।
तप्त हृदय को
सरस स्नेह से
जो सहला दे
मित्र वही है
रूखे मन को
सराबोर कर
जो नहला दे
मित्र वही है
प्रिय वियोग
संतप्त चित्त को
जो बहला दे
मित्र वही है
अश्रु बूँद की
एक झलक से
जो दहला दे
मित्र वही है।
33150 viewsग़ज़ल • Hindi