जंगल जंगल ढूंढ रहा मृग अपनी कस्तूरी को कितना मुश्किल है तय करना "खुद से खुद" की Admin गम की शायरी, ज़िन्दगी << आसमां में मत दूंढ अपने सप... बस यही दो मसले >> जंगल जंगल ढूंढ रहामृग अपनी कस्तूरी कोकितना मुश्किल है तय करना"खुद से खुद" की....दूरी को Share on: