हमारा अंदाज ही कुछ ऐसा है। कि जब हम बोलते है तो बरस जाते है। और जब Admin दर्द << रात की दस्तक दरवाज़े पर है... वो जो सर झुकाए बैठे हैं >> हमारा अंदाज ही कुछ ऐसा है।कि जब हम बोलते है तो बरस जाते है।और जब हम चुप रहते है।तो लोग तरस जाते है। Share on: