ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो

By April 18, 2018
ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो
ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो
तेरे कहने में रहा करती है l
दिल को उस राह पे चलना ही नहीं
जो मुझे तुझ से जुदा करती है l


मसला जब भी चराग़ों का उठा
तो फ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है l
दुख हुआ करता है कुछ और बयाँ
बात कुछ और हुआ करती है l
6233 viewsदर्दHindi