ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो Admin दर्द << खामोश हूँ सिर्फ तुम्हारी ... कोई याद नहीं करता जब तक म... >> ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तोतेरे कहने में रहा करती है lदिल को उस राह पे चलना ही नहींजो मुझे तुझ से जुदा करती है lमसला जब भी चराग़ों का उठातो फ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है lदुख हुआ करता है कुछ और बयाँबात कुछ और हुआ करती है l Share on: