मत पुछो कि मेरा कारोबार क्या है प्यार से नफरत शायरी, दर्द << जिसकी आँखों में कटी थी सद... यारों कुछ तो जिक्र करो >> मत पुछो कि मेरा कारोबार क्या है,मुस्कुराहट की छोटीसी दुकान है, नफरत के बाजार मे! Share on: