मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी Admin जख्म शायरी फेसबुक, दर्द << दर्द की भी अपनी एक अदा है अगर धड़कने ही छिन नी थी >> मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी, तेरी उम्र से कहीं ज्यादा मेरे जिस्म पर जख्मो के निशाँ हैं.. Share on: