ना जाने कैसी नज़र लगी हैं ज़माने की कोई वजह ही नहीं मिल रही है अब मुस्कुराने Admin मुस्कुराने पर शायरी, दर्द << वो बात बात पे देता है परि... तुम करोगे याद एक दिन इस प... >> ना जाने कैसी नज़र लगी हैं ज़माने कीकोई वजह ही नहीं मिल रही है अबमुस्कुराने की Share on: