मेरी ग़ज़ल की तरह उसकी भी हुकूमत है

By April 18, 2018
मेरी ग़ज़ल की तरह
उसकी भी हुकूमत है
मेरी ग़ज़ल की तरह उसकी भी हुकूमत है
तमाम मुल्क में वो सबसे खूबसूरत है
कभी-कभी कोई इंसान ऐसा लगता है
पुराने शहर में जैसे नयी ईमारत है


बहुत दिनों से मेरे साथ थी मगर कल शाम
मुझे पता चला वो कितनी खूबसूरत है
ये ज़ाईरान-ए-अलीगढ़ का खास तोहफ़ा है
मेरी ग़ज़ल का तबर्रुक दिलों की बरकत है।
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