तुझे सोचता हूँ मैं शाम और सूबह

By April 18, 2018
तुझे सोचता हूँ मैं शाम और सूबह

इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या ...!
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहूँ




इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या...!!
8125 viewsप्रेमHindi