مووان

مووان

نہ تم الزام دو مجھ کو
نہ میں الزام دوں تم کو
وفا اور بےوفائی میں جو اک باریک سا پردہ ہے
اُس کو اٹھائیں کیوں؟
جہاں تک آچکے ہیں ہم
اب آگے بڑھ نا جائیں کیوں؟

अलग होने पे आमादा हुआ है

अलग होने पे आमादा हुआ है
यक़ीनन दुख बहुत ज़ियादा हुआ है

बिछड़ कर बाग़ से भँवरे ने पूछा
ये गुल क्यों सूख कर काँटा हुआ है

परिंदे को ख़बर पहुँचाऊँ कैसे
शजर में जाल इक डाला हुआ है

मैं केवल रूह छू पाऊँगा उस की
यही शुरूआ'त में वा'दा हुआ है

महज़ क़स्में वो खाए जा रहा है
बदन पर झूट को लादा हुआ है

मोहब्बत का यही हासिल रहा है
मोहब्बत करके पछतावा हुआ है
Om Awasthi

कैसे जोड़ें हम टूटे सपने, ख़ुदा खैर करे

कैसे जोड़ें हम टूटे सपने, ख़ुदा खैर करे
झूठे निकले उनके वादे, ख़ुदा खैर करे
मेरा भी #दिल रोया तो क्या गज़ब हुआ,
आंसू तो उनके भी छलके, ख़ुदा खैर करे
जब हुए रूबरू दुनिया से तो पता चला,
यहां कितने वादे यूं ही टूटे, ख़ुदा खैर करे
ना निभा सको तो मत कीजे झूठे वादे,
वर्ना रोते हैं दिल कैसे कैसे, ख़ुदा खैर करे..

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