मेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई

मेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई
उस दौर से जुड़ी हर एक डोर भी अब टूट गई !
हर दिन खामोशी से गुजर जाता है पर अंदर शोर होता है
जान कर खुद के दिल को दिखाया मैंने इसलिए खुशियां रूठ गई !!

Rajat Akela Dil

पागल से थे जो हम बेवजह इश्क़ से उलझ पड़े

पागल से थे जो हम बेवजह इश्क़ से उलझ पड़े
मुसाफिर था वो और उसे हम ज़िंदगी समझ बैठे
खामोश निगाहों ने दिल सवाल में खड़े कर दिए
काफिर थे वो और हम दिल का मेहमान समझ बैठ

Rajat Akela Dil

विदा करा कर लाये थे उन्हें तब खुशियो बेसुमार आई थी

विदा करा कर लाये थे उन्हें तब खुशियो बेसुमार आई थी
कभी दूर न होंगे ये बात कंधे पर सिर रख कर बताई थी
कही भी जाने से पहले तुमने मुझसे हर बार पूछा
मुझसे दूर दूसरी दुनिया मे चले जाओगे ये बात क्यों छुपाई थी

Rajat Akela Dil

बड़े ही अदब के साथ जाम को मैखाने में मुह से लगाया ज

बड़े ही अदब के साथ जाम को मैखाने में मुह से लगाया जाता है
लड़की को पता होता है अपने आशिक़ को थोड़ा थोड़ा सताया जाता है
हम पिये जाम या जाम पिये हमको क्या फर्क पड़ता है यारों
देखो नई दुनिया के कानून वफादार को ही यहाँ बेवफा बताया जाता है

Rajat Akela Dil

एक रोज़ उनके दरवाज़े की कुंडी में गुलाब छोड़ कर आय

एक रोज़ उनके दरवाज़े की कुंडी में गुलाब छोड़ कर आये थे
जब हमने हफ्ते भर उनकी गली के बेहद चक्कर लगाये थे
एक तूफान ने उस गुलाब को कुंडी हटा कर रास्ते पर फेंका
हमने अपने मेहबूब को ही वो गुलाब पैरों से मसलते देखा

Rajat Akela Dil

वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था

वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था !
वो बाज़ार अब नही लगता जिसमे चाँद का ताज़ बिकता था !!
उस तवायफ ने भी नाचना छोड़ दिया वजह पूछी गयी तो
बोली
वो शख्स ही अब नही आता जो सिर्फ मेरे लिए बहकता था !!

Rajat Akela Dil

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