एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है

इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है

उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद

फिर भी हर मोड़ पर उसी का इंतज़ार क्यों है!

आशिक पागल हो जाते हैं प्यार में

आशिक पागल हो जाते हैं प्यार में

बाकी कसर पूरी हो जाती है इंतज़ार में

मगर ये दिलरुबा नहीं समझती

वो तो गोल गप्पे और पपड़ी खाती फिरती है बाज़ार में!

कितना समझाया इस दिल को कि तू प्यार ना कर

कितना समझाया इस दिल को कि तू प्यार ना कर

किसी के लिए ख़ुद को तू बेकरार ना कर

वो तेरा नही बन सकता, किसी और की अमानत का तू इंतज़ार ना कर।

इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं!

इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं!

सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं!

दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं!

है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!

आदतन तुमने कर दिए वादे

आदतन तुमने कर दिए वादे, आदतन हमने ऐतबार किया

तेरी राहों में बारहा रुक हमने अपना ही इंतज़ार किया

अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया!

कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है

कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है

जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है

तेरे चेहरे की उदासी बता रही है

मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!

आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया

आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया

क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का!

मैंने मुस्कुराकर कहा

तुम लौट आने की बात करते हो

मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का!

उनके आने के इंतज़ार में हमनें

उनके आने के इंतज़ार में हमनें

सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!

उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था

वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।

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