मा'रिफ़त के लिए आगही के लिएShayari By 20 Apr 2024 05:24:36 AMGhazalमा'रिफ़त के लिए आगही के लिए नूर-ए-हक़ चाहिए रौशनी के लिए जी रहे हैं किसी की ख़ुशी के लिए वर्ना क्या है यहाँ ज़िंदगी के लिए [...] Continue Reading... Share on:
बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होनाShayari By 23 Mar 2024 05:05:56 PMGhazalबस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मुयस्सर नहीं इंसाँ होना गिर्या चाहे है ख़राबी मिरे काशाने की दर ओ दीवार से टपके है बयाबाँ होना [...] Continue Reading... Share on:
आदमी हूँ वस्फ़-ए-पैग़म्बर न माँगShayari By 05 Oct 2023 07:39:25 AMSherआदमी हूँ वस्फ़-ए-पैग़म्बर न माँग मुझ से मेरे दोस्त मेरा सर न माँग Continue Reading... Share on:
अजीब शख़्स था ख़ुद अपने दुख बनाता थाShayari By 04 Oct 2023 06:48:04 AMSherअजीब शख़्स था ख़ुद अपने दुख बनाता था दिल-ओ-दिमाग़ पे कुछ दिन असर रहा उस का Continue Reading... Share on:
मिरा ग़ज़ाल कि वहशत थी जिस को साए सेShayari By 01 Oct 2023 10:59:33 PMSherमिरा ग़ज़ाल कि वहशत थी जिस को साए से लिपट गया मिरे सीने से आदमी की तरह Continue Reading... Share on:
ऐ ग़ुबार-ए-ख़्वाहिश-ए-यक-उम्र अपनी राह लेShayari By 03 Sep 2022 05:08:40 PMSherऐ ग़ुबार-ए-ख़्वाहिश-ए-यक-उम्र अपनी राह ले इस गली में तुझ से पहले इक जहाँ मौजूद है Continue Reading... Share on: