अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ

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अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ
देखा जो मुझ को छोड़ दिए मुस्कुरा के हाथ

बे-साख़्ता निगाहें जो आपस में मिल गईं
क्या मुँह पर उस ने रख लिए आँखें चुरा के हाथ [...]

कभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते हो

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कभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते हो
कभी तीर-ए-निगाह-ए-तुंद का बरसाव करते हो

कभी तुम सर्द करते हो दिलों की आग गर्मी सीं
कभी तुम सर्द-मेहरी सीं झटक कर बाव करते हो [...]

दिलों को तोड़ने वालो तुम्हें किसी से क्या

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दिलों को तोड़ने वालो तुम्हें किसी से क्या
मिलो तो आँख चुरा लो तुम्हें किसी से क्या

हमारी लग़्ज़िश-ए-पा का ख़याल क्यूँ है तुम्हें
तुम अपनी चाल सँभालो तुम्हें किसी से क्या [...]

हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं

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हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं
तिरछी नज़रों के कड़े वार लिए बैठे हैं

देखिए कौन शहादत की सआदत पाए
हाथ में आज वो तलवार लिए बैठे हैं [...]

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