ग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैं अब न कोई दिल-ए-तन्हा के क़रीं आएगा Continue Reading... Share on:
अहबाब को दे रहा हूँ धोकाShayari By 22 Nov 2020 11:31:03 PMSherअहबाब को दे रहा हूँ धोका चेहरे पे ख़ुशी सजा रहा हूँ Continue Reading... Share on:
हिज्र-ए-जानाँ के अलम में हम फ़रिश्ते बन गएShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहिज्र-ए-जानाँ के अलम में हम फ़रिश्ते बन गए ध्यान मुद्दत से छुटा आब-ओ-तआ'म-ओ-ख़्वाब का Continue Reading... Share on:
शग़्ल-ए-उल्फ़त को जो अहबाब बुरा कहते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherशग़्ल-ए-उल्फ़त को जो अहबाब बुरा कहते हैं कुछ समझ में नहीं आता कि ये क्या कहते हैं Continue Reading... Share on:
इस वहम से कि नींद में आए न कुछ ख़ललShayari By 03 Nov 2020 11:32:25 AMSherइस वहम से कि नींद में आए न कुछ ख़लल अहबाब ज़ेर-ए-ख़ाक सुला कर चले गए Continue Reading... Share on:
आड़े आया न कोई मुश्किल मेंShayari By 03 Nov 2020 01:16:45 AMSherआड़े आया न कोई मुश्किल में मशवरे दे के हट गए अहबाब Continue Reading... Share on: