गुमनाम एक लाश कफ़न को तरस गईShayari By 04 Sep 2023 06:00:27 AMSherगुमनाम एक लाश कफ़न को तरस गई काग़ज़ तमाम शहर के अख़बार बन गए Continue Reading... Share on:
सुर्ख़ियाँ अख़बार की गलियों में ग़ुल करती रहींShayari By 30 Nov 2020 09:18:44 AMSherसुर्ख़ियाँ अख़बार की गलियों में ग़ुल करती रहीं लोग अपने बंद कमरों में पड़े सोते रहे Continue Reading... Share on:
बम फटे लोग मरे ख़ून बहा शहर लुटेShayari By 28 Nov 2020 12:47:10 AMSherबम फटे लोग मरे ख़ून बहा शहर लुटे और क्या लिक्खा है अख़बार में आगे पढ़िए Continue Reading... Share on:
वो ख़ुश-नसीब थे जिन्हें अपनी ख़बर न थीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherवो ख़ुश-नसीब थे जिन्हें अपनी ख़बर न थी याँ जब भी आँख खोलिए अख़बार देखिए Continue Reading... Share on:
दस बजे रात को सो जाते हैं ख़बरें सुन करShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherदस बजे रात को सो जाते हैं ख़बरें सुन कर आँख खुलती है तो अख़बार तलब करते हैं Continue Reading... Share on:
कोई नहीं जो पता दे दिलों की हालत काShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherकोई नहीं जो पता दे दिलों की हालत का कि सारे शहर के अख़बार हैं ख़बर के बग़ैर Continue Reading... Share on: