चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalचराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अँधेरा है अभी तो सुब्ह के माथे का रंग काला है अभी फ़रेब न खाओ बड़ा अँधेरा है [...] Continue Reading... Share on:
इश्क़ में कुछ नज़र नहीं आयाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherइश्क़ में कुछ नज़र नहीं आया जिस तरफ़ देखिए अँधेरा है Continue Reading... Share on:
अंधेरों को निकाला जा रहा हैShayari By 02 Nov 2020 07:19:42 PMSherअंधेरों को निकाला जा रहा है मगर घर से उजाला जा रहा है Continue Reading... Share on:
शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी हैShayari By 31 Oct 2020 03:55:43 PMSherशहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है सौ चराग़ जलते हैं इक चराग़ जलने से Continue Reading... Share on:
रौशनी फैली तो सब का रंग काला हो गयाShayari By 22 Nov 2020 11:10:28 PMSherरौशनी फैली तो सब का रंग काला हो गया कुछ दिए ऐसे जले हर-सू अंधेरा हो गया Continue Reading... Share on:
उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ होंShayari By 14 Nov 2020 02:19:57 PMSherउल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ हों तारीकियाँ भी साथ रहें रौशनी के साथ Continue Reading... Share on: