हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो हैShayari By 09 Nov 2020 11:10:54 AMGhazalहम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है दुश्नाम तो नहीं है ये इकराम ही तो है करते हैं जिस पे ता'न कोई जुर्म तो नहीं शौक़-ए-फ़ुज़ूल ओ उल्फ़त-ए-नाकाम ही तो है [...] Continue Reading... Share on: