बुतों की चाह में हम तो अज़ाब ही में रहेShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherबुतों की चाह में हम तो अज़ाब ही में रहे शब-ए-फ़िराक़ कटी रोज़-ए-इंतिज़ार आया Continue Reading... Share on:
आए कुछ अब्र कुछ शराब आएShayari By 09 Nov 2020 11:28:24 AMSherआए कुछ अब्र कुछ शराब आए इस के ब'अद आए जो अज़ाब आए Continue Reading... Share on:
अज़ाब होती हैं अक्सर शबाब की घड़ियाँShayari By 30 Oct 2020 02:36:41 PMSherअज़ाब होती हैं अक्सर शबाब की घड़ियाँ गुलाब अपनी ही ख़ुश्बू से डरने लगते हैं Continue Reading... Share on:
याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रबShayari By 24 Oct 2020 11:24:03 AMSherयाद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रब छीन ले मुझ से हाफ़िज़ा मेरा Continue Reading... Share on: