इक ग़लत-फ़हमी ने दिल का आइना धुँदला दियाShayari By 20 Nov 2020 04:00:38 PMSherइक ग़लत-फ़हमी ने दिल का आइना धुँदला दिया इक ग़लत-फ़हमी से बरसों की शनासाई गई one misunderstanding fogged the mirror of the heart one misunderstanding rent lifelong friends apart [...] Continue Reading... Share on:
बद-गुमानी को बढ़ा कर तुम ने ये क्या कर दियाShayari By 15 Nov 2020 04:09:30 PMSherबद-गुमानी को बढ़ा कर तुम ने ये क्या कर दिया ख़ुद भी तन्हा हो गए मुझ को भी तन्हा कर दिया Continue Reading... Share on:
मुक़ाबले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैंShayari By 20 Nov 2020 04:06:53 PMGhazalमुक़ाबले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं ये वलवले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं क़रीब आओ तो शायद समझ में आ जाए कि फ़ासले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं [...] Continue Reading... Share on:
साज़-ए-उल्फ़त छिड़ रहा है आँसुओं के साज़ परShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherसाज़-ए-उल्फ़त छिड़ रहा है आँसुओं के साज़ पर मुस्कुराए हम तो उन को बद-गुमानी हो गई Continue Reading... Share on:
अर्ज़-ए-अहवाल को गिला समझेShayari By 29 Oct 2020 01:38:46 AMSherअर्ज़-ए-अहवाल को गिला समझे क्या कहा मैं ने आप क्या समझे Continue Reading... Share on: