ये तीर यूँ ही नहीं दुश्मनों तलक जातेShayari By 21 Sep 2023 09:13:51 PMSherये तीर यूँ ही नहीं दुश्मनों तलक जाते बदन का सारा खिचाव कमाँ पे पड़ता है Continue Reading... Share on:
वो साफ़-गो है मगर बात का हुनर सीखेShayari By 19 Jul 2023 09:47:39 AMSherवो साफ़-गो है मगर बात का हुनर सीखे बदन हसीं है तो क्या बे-लिबास आएगा Continue Reading... Share on:
तिरे बदन की ख़लाओं में आँख खुलती हैShayari By 03 Sep 2022 11:42:33 AMSherतिरे बदन की ख़लाओं में आँख खुलती है हवा के जिस्म से जब जब लिपट के सोता हूँ Continue Reading... Share on:
हर एक साज़ को साज़िंदगाँ नहीं दरकारShayari By 30 Nov 2020 06:17:02 AMSherहर एक साज़ को साज़िंदगाँ नहीं दरकार बदन को ज़र्बत-ए-मिज़राब से इलाक़ा नहीं Continue Reading... Share on:
क़सम उस बदन कीShayari By 29 Nov 2020 04:46:19 PMNazmक़सम उस बदन की और क़सम उस बदन पर खिले फूलों की रुत बहार की है और हवा की रानों में महक खिली है अब तक... [...] Continue Reading... Share on:
इक बूँद ज़हर के लिए फैला रहे हो हाथShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherइक बूँद ज़हर के लिए फैला रहे हो हाथ देखो कभी ख़ुद अपने बदन को निचोड़ के Continue Reading... Share on: