फूलों को सुर्ख़ी देने मेंShayari By 01 Sep 2023 08:30:04 PMSherफूलों को सुर्ख़ी देने में पत्ते पीले हो जाते हैं Continue Reading... Share on:
ले आएगा इक रोज़ गुल ओ बर्ग भी 'सरवत'Shayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherले आएगा इक रोज़ गुल ओ बर्ग भी 'सरवत' बाराँ का मुसलसल ख़स-ओ-ख़ाशाक पे होना Continue Reading... Share on:
बर्ग-ए-गुल आ मैं तेरे बोसे लूँShayari By 23 Nov 2020 09:07:25 PMSherबर्ग-ए-गुल आ मैं तेरे बोसे लूँ तुझ में है ढंग यार के लब का Continue Reading... Share on:
क्या जाने शाख़-ए-वक़्त से किस वक़्त गिर पड़ूँShayari By 06 Nov 2020 07:11:28 PMSherक्या जाने शाख़-ए-वक़्त से किस वक़्त गिर पड़ूँ मानिंद-ए-बर्ग-ए-ज़र्द अभी डोलता हूँ मैं Continue Reading... Share on:
शजर-ए-तर न यहाँ बर्ग-ए-शनासा कोईShayari By 31 Oct 2020 04:34:05 AMSherशजर-ए-तर न यहाँ बर्ग-ए-शनासा कोई इस क़रीने से सजाया है ये मंज़र किस ने Continue Reading... Share on:
शजर से बिछड़ा हुआ बर्ग-ए-ख़ुश्क हूँ 'फ़ैसल'Shayari By 30 Oct 2020 12:57:20 AMSherशजर से बिछड़ा हुआ बर्ग-ए-ख़ुश्क हूँ 'फ़ैसल' हवा ने अपने घराने में रख लिया है मुझे Continue Reading... Share on: