इसी पे शहर की सारी हवाएँ बरहम थींShayari By 17 Apr 2024 02:13:19 PMSherइसी पे शहर की सारी हवाएँ बरहम थीं कि इक दिया मिरे घर की मुंडेर पर भी था Continue Reading... Share on:
हमारी ज़िंदगी कहने की हद तक ज़िंदगी है बसShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहमारी ज़िंदगी कहने की हद तक ज़िंदगी है बस ये शीराज़ा भी देखा जाए तो बरहम है बरसों से Continue Reading... Share on:
तुझ से बरहम हूँ कभी ख़ुद से ख़फ़ाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherतुझ से बरहम हूँ कभी ख़ुद से ख़फ़ा कुछ अजब रफ़्तार है तेरे बग़ैर Continue Reading... Share on:
हम-नशीं देखी नहूसत दास्तान-ए-हिज्र कीShayari By 20 Nov 2020 10:00:43 PMSherहम-नशीं देखी नहूसत दास्तान-ए-हिज्र की सोहबतें जमने न पाई थीं कि बरहम हो गईं Continue Reading... Share on:
इधर आ हम दिखाते हैं ग़ज़ल का आइना तुझ कोShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherइधर आ हम दिखाते हैं ग़ज़ल का आइना तुझ को ये किस ने कह दिया गेसू तिरे बरहम नहीं प्यारे Continue Reading... Share on:
न हो बरहम जो बोसा बे-इजाज़त ले लिया मैं नेShayari By 02 Nov 2020 12:15:19 PMSherन हो बरहम जो बोसा बे-इजाज़त ले लिया मैं ने चलो जाने दो बेताबी में ऐसा हो ही जाता है Continue Reading... Share on: