मैं जिसे हीर समझता था वो राँझा निकलाShayari By 30 Nov 2020 06:28:31 AMSherमैं जिसे हीर समझता था वो राँझा निकला बात निय्यत की नहीं बात है बीनाई की Continue Reading... Share on:
इश्क़ बीनाई बढ़ा देता हैShayari By 24 Nov 2020 06:20:10 AMSherइश्क़ बीनाई बढ़ा देता है जाने क्या क्या नज़र आता है मुझे Continue Reading... Share on:
बीनाई भी क्या क्या धोके देती हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherबीनाई भी क्या क्या धोके देती है दूर से देखो सारे दरिया नीले हैं Continue Reading... Share on:
यूँ तो हम अहल-ए-नज़र हैं मगर अंजाम ये हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherयूँ तो हम अहल-ए-नज़र हैं मगर अंजाम ये है ढूँडते ढूँडते खो देते हैं बीनाई तक Continue Reading... Share on:
अब अपने चेहरे पर दो पत्थर से सजाए फिरता हूँShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherअब अपने चेहरे पर दो पत्थर से सजाए फिरता हूँ आँसू ले कर बेच दिया है आँखों की बीनाई को Continue Reading... Share on:
आईना कैसा था वो शाम-ए-शकेबाई काShayari By 14 Nov 2020 10:26:19 PMSherआईना कैसा था वो शाम-ए-शकेबाई का सामना कर न सका अपनी ही बीनाई का Continue Reading... Share on: