आप का ए'तिबार कौन करेShayari By 04 Mar 2024 04:49:35 PMGhazalआप का ए'तिबार कौन करे रोज़ का इंतिज़ार कौन करे ज़िक्र-ए-मेहर-ओ-वफ़ा तो हम करते पर तुम्हें शर्मसार कौन करे [...] Continue Reading... Share on:
कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिएShayari By 21 Nov 2020 02:08:33 PMSherकॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है Continue Reading... Share on:
'असलम' बड़े वक़ार से डिग्री वसूल कीShayari By 27 Oct 2020 06:52:23 PMSher'असलम' बड़े वक़ार से डिग्री वसूल की और इस के बा'द शहर में ख़्वांचा लगा लिया Continue Reading... Share on:
तलाश-ए-रिज़्क़ का ये मरहला अजब है कि हमShayari By 12 Nov 2020 03:44:07 PMSherतलाश-ए-रिज़्क़ का ये मरहला अजब है कि हम घरों से दूर भी घर के लिए बसे हुए हैं Continue Reading... Share on:
अपने सब यार काम कर रहे हैंAdmin01 Jan 2017 12:30:00 PMGhazalअपने सब यार काम कर रहे हैं और हम हैं कि नाम कर रहे हैं तेग़-बाज़ी का शौक़ अपनी जगह आप तो क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं दाद-ओ-तहसीन का ये शोर है क्यूँ हम तो ख़ुद से कलाम कर रहे हैं हम हैं मसरूफ़-ए-इंतिज़ाम मगर जाने क्या इंतिज़ाम कर रहे हैं है वो बेचारगी का हाल कि हम हर किसी को सलाम कर रहे हैं एक क़त्ताला चाहिए हम को हम ये एलान-ए-आम कर रहे हैं क्या भला साग़र-ए-सिफ़ाल कि हम नाफ़-प्याले को जाम कर रहे हैं हम तो आए थे अर्ज़-ए-मतलब को और वो एहतिराम कर रहे हैं न उठे आह का धुआँ भी कि वो कू-ए-दिल में ख़िराम कर रहे हैं उस के होंटों पे रख के होंट अपने बात ही हम तमाम कर रहे हैं हम अजब हैं कि उस के कूचे में बे-सबब धूम-धाम कर रहे हैं Continue Reading... Share on: