ये मुश्त-ए-ख़ाक अपने को जहाँ चाहे तहाँ ले जाShayari By 26 Jan 2024 01:26:11 PMGhazalये मुश्त-ए-ख़ाक अपने को जहाँ चाहे तहाँ ले जा पर इस 'आलम को इस 'आलम से मत बार-ए-गराँ ले जा 'अदम से जिस तरह तन्हा चला आया था फिर वाँ को मुनासिब है इसी सूरत से सूरत छोड़ जाँ ले जा [...] Continue Reading... Share on:
ले साँस भी आहिस्ता कि नाज़ुक है बहुत कामShayari By 05 Apr 2022 10:53:02 AMSherले साँस भी आहिस्ता कि नाज़ुक है बहुत काम आफ़ाक़ की इस कारगह-ए-शीशागरी का Continue Reading... Share on:
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना हैShayari By 22 Aug 2021 12:46:56 PMGhazalसंसार की हर शय का इतना ही फ़साना है इक धुँद से आना है इक धुँद में जाना है ये राह कहाँ से है ये राह कहाँ तक है ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है [...] Continue Reading... Share on:
कहा मैं ने गुल का है कितना सबातShayari By 29 Nov 2020 12:18:46 PMSherकहा मैं ने गुल का है कितना सबात कली ने ये सुन कर तबस्सुम किया Continue Reading... Share on:
दुनिया है ख़्वाब हासिल-ए-दुनिया ख़याल हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherदुनिया है ख़्वाब हासिल-ए-दुनिया ख़याल है इंसान ख़्वाब देख रहा है ख़याल में Continue Reading... Share on:
बे-सबाती ज़माने की नाचारShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherबे-सबाती ज़माने की नाचार करनी मुझ को बयान पड़ती है Continue Reading... Share on: