क़सम उस बदन की

Shayari By

क़सम उस बदन की
और क़सम उस बदन पर खिले फूलों की

रुत बहार की है और हवा की रानों में महक खिली है
अब तक... [...]

ख़ुशबू का लिबास

Shayari By

हर तरफ़ बिखरा हुआ उस का बदन
रात की हर एक करवट

उस की बाँहों, छातियों
उस की कमर की सिलवटों में [...]

कोेसा दूध

Shayari By

तो ये दूध कोसा है!
ये दूध है और कोसा है

जिस से बदन की नसें ऊँघ जाती हैं
जिस से मिरे दिल की बा-क़ाएदा धड़कनों में [...]

मुफ़ाहमत

Shayari By

हम कि उर्यां बहुत हैं
तमाशा न बन

अपनी ज़िद छोड़ दे
मैं तुझे ओढ़ लूँ [...]

शॉफ़र

Shayari By

खट... खट... कौन? सबीहा! कैसे? यूँही, कोई काम नहीं
पिछली रात.. भयानक गैरज.. क्या कुछ हो अंजाम.. नहीं

मेरा ज़िम्मा.. मैं भुगतूँगी.. तुम पर कुछ इल्ज़ाम... नहीं
हम हैं उस अख़्लाक़ के पैरव, हम हैं उस तहज़ीब के लोग [...]

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