बे-ख़ुदी में हम तो तेरा दर समझ कर झुक गएShayari By 19 May 2021 02:22:17 PMSherबे-ख़ुदी में हम तो तेरा दर समझ कर झुक गए अब ख़ुदा मालूम काबा था कि वो बुत-ख़ाना था Continue Reading... Share on:
त'अना-ज़न कुफ़्र पे होता है अबस ऐ ज़ाहिदShayari By 05 Dec 2022 04:57:35 AMSherत'अना-ज़न कुफ़्र पे होता है अबस ऐ ज़ाहिद बुत-परस्ती है तिरे ज़ोहद-ए-रिया से बेहतर Continue Reading... Share on:
हम ऐसे सादा-दिलों की नियाज़-मंदी सेShayari By 09 Nov 2020 11:37:28 AMSherहम ऐसे सादा-दिलों की नियाज़-मंदी से बुतों ने की हैं जहाँ में ख़ुदाइयाँ क्या क्या Continue Reading... Share on:
हो गए नाम-ए-बुताँ सुनते ही 'मोमिन' बे-क़रारShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहो गए नाम-ए-बुताँ सुनते ही 'मोमिन' बे-क़रार हम न कहते थे कि हज़रत पारसा कहने को हैं Continue Reading... Share on:
क्यूँकर उस बुत से रखूँ जान अज़ीज़Shayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherक्यूँकर उस बुत से रखूँ जान अज़ीज़ क्या नहीं है मुझे ईमान अज़ीज़ Continue Reading... Share on:
छोड़ूँगा मैं न उस बुत-ए-काफ़िर का पूजनाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherछोड़ूँगा मैं न उस बुत-ए-काफ़िर का पूजना छोड़े न ख़ल्क़ गो मुझे काफ़र कहे बग़ैर to stop worshipping that idol fair, i will not agree and this world will not refrain from crying heresy! [...] Continue Reading... Share on: