का'बा-ओ-दैर में अब ढूँड रही है दुनियाShayari By 27 May 2021 10:47:04 AMSherका'बा-ओ-दैर में अब ढूँड रही है दुनिया जो दिल-ओ-जान में बस्ता था ख़ुदा और ही था Continue Reading... Share on:
ये कह दो हज़रत-ए-नासेह से गर समझाने आए हैंShayari By 04 Dec 2020 06:13:19 AMSherये कह दो हज़रत-ए-नासेह से गर समझाने आए हैं कि हम दैर ओ हरम होते हुए मय-ख़ाने आए हैं tell this to the priest if he has come to preach i first went to the mosque, then did the tavern reach [...] Continue Reading... Share on:
मय-ख़ाने में क्यूँ याद-ए-ख़ुदा होती है अक्सरShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमय-ख़ाने में क्यूँ याद-ए-ख़ुदा होती है अक्सर मस्जिद में तो ज़िक्र-ए-मय-ओ-मीना नहीं होता Continue Reading... Share on:
सू-ए-काबा चलूँ कि जानिब-ए-दैरShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherसू-ए-काबा चलूँ कि जानिब-ए-दैर इस दो-राहे पे दिल भटकता है Continue Reading... Share on:
मैं दैर ओ हरम हो के तिरे कूचे में पहुँचाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमैं दैर ओ हरम हो के तिरे कूचे में पहुँचा दो मंज़िलों का फेर बस ऐ यार पड़ा है Continue Reading... Share on:
कैसे भूले हुए हैं गब्र ओ मुसलमाँ दोनोंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherकैसे भूले हुए हैं गब्र ओ मुसलमाँ दोनों दैर में बुत है न काबे में ख़ुदा रक्खा है Continue Reading... Share on: