ये मुश्त-ए-ख़ाक अपने को जहाँ चाहे तहाँ ले जाShayari By 26 Jan 2024 01:26:11 PMGhazalये मुश्त-ए-ख़ाक अपने को जहाँ चाहे तहाँ ले जा पर इस 'आलम को इस 'आलम से मत बार-ए-गराँ ले जा 'अदम से जिस तरह तन्हा चला आया था फिर वाँ को मुनासिब है इसी सूरत से सूरत छोड़ जाँ ले जा [...] Continue Reading... Share on:
मिरी तो सारी दुनिया बस तुम्ही होShayari By 30 Sep 2023 03:30:51 PMSherमिरी तो सारी दुनिया बस तुम्ही हो ग़लत क्या है जो दुनिया-दार हूँ मैं Continue Reading... Share on:
कुछ छलकता है कुछ बिखरता हैShayari By 25 Sep 2023 03:15:16 PMSherकुछ छलकता है कुछ बिखरता है सब मिले तो भी सब नहीं मिलता Continue Reading... Share on:
दुनिया ने ज़र के वास्ते क्या कुछ नहीं कियाShayari By 04 Sep 2023 01:02:51 AMSherदुनिया ने ज़र के वास्ते क्या कुछ नहीं किया और हम ने शायरी के सिवा कुछ नहीं किया Continue Reading... Share on:
मुझ पे हो कर गुज़र गई दुनियाShayari By 01 Sep 2023 08:24:54 PMSherमुझ पे हो कर गुज़र गई दुनिया मैं तिरी राह से हटा ही नहीं Continue Reading... Share on:
पूछो ज़रा ये कौन सी दुनिया से आए हैंShayari By 19 Jul 2023 11:53:29 PMSherपूछो ज़रा ये कौन सी दुनिया से आए हैं कुछ लोग कह रहे हैं हमें कोई ग़म नहीं Continue Reading... Share on: