ज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगरShayari By 02 Sep 2023 03:22:39 AMSherज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगर वक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया Continue Reading... Share on:
तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ज़ेर-ए-आसमाँ की समेटShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherतमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ज़ेर-ए-आसमाँ की समेट ज़मीं ने खाई व-लेकिन भरा न उस का पेट Continue Reading... Share on:
ज़लज़लाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMNazmएक शब हल्की सी जुम्बिश मुझे महसूस हुई मैं ये समझा मिरे शानों को हिलाता है कोई आँख उठाई तो ये देखा कि ज़मीं हिलती है जिस जगह शय कोई रक्खी है वहीं हिलती है [...] Continue Reading... Share on:
ज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान मेंShayari By 09 Nov 2020 03:56:37 PMSherज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान में ज़लज़ले के नाम से थर्रा उठा सारा जहाँ Continue Reading... Share on:
ज़लज़लों की नुमूद से 'फ़रहत'Shayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherज़लज़लों की नुमूद से 'फ़रहत' मुस्तक़र मुस्तक़र नहीं रहते Continue Reading... Share on:
पोम्पियेShayari By 31 Jul 2020 03:49:46 PMNazmपोम्पिये दफ़्न था सदियों से जहाँ एक तहज़ीब थी पोशीदा वहाँ शहर खोदा तो तवारीख़ के टुकड़े निकले ढेरों पथराए हुए वक़्त के सफ़्हों को उलट कर देखा [...] Continue Reading... Share on: