मगर वो दीद को आया था बाग़ में गुल केShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalमगर वो दीद को आया था बाग़ में गुल के कि बू कुछ और मैं पाई दिमाग़ में गुल के अदू भी हो सबब-ए-ज़िंदगी जो हक़ चाहे नसीम-ए-सुब्ह है रोग़न चराग़ में गुल के [...] Continue Reading... Share on:
गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती हैShayari By 14 Nov 2020 10:17:45 PMSherगुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है जीने के लिए इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है Continue Reading... Share on:
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चलेShayari By 09 Nov 2020 11:35:47 AMSherगुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले Continue Reading... Share on:
हम को इस की क्या ख़बर गुलशन का गुलशन जल गयाShayari By 31 Oct 2020 08:22:01 AMSherहम को इस की क्या ख़बर गुलशन का गुलशन जल गया हम तो अपना सिर्फ़ अपना आशियाँ देखा किए Continue Reading... Share on:
मैं उस गुलशन का बुलबुल हूँ बहार आने नहीं पातीShayari By 31 Oct 2020 03:10:33 AMSherमैं उस गुलशन का बुलबुल हूँ बहार आने नहीं पाती कि सय्याद आन कर मेरा गुलिस्ताँ मोल लेते हैं Continue Reading... Share on:
कोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशनShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherकोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशन जब तक उलझे न काँटों से दामन Continue Reading... Share on: