कैसे मानूँ कि ज़माने की ख़बर रखती हैShayari By 05 Oct 2023 07:59:34 AMSherकैसे मानूँ कि ज़माने की ख़बर रखती है गर्दिश-ए-वक़्त तो बस मुझ पे नज़र रखती है Continue Reading... Share on:
मिरे हालात को बस यूँ समझ लोShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमिरे हालात को बस यूँ समझ लो परिंदे पर शजर रक्खा हुआ है Continue Reading... Share on:
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँ शीशे के महल बना रहा हूँ Continue Reading... Share on:
मुझ से ज़ियादा कौन तमाशा देख सकेगाShayari By 11 Nov 2020 05:18:27 PMSherमुझ से ज़ियादा कौन तमाशा देख सकेगा गाँधी-जी के तीनों बंदर मेरे अंदर Continue Reading... Share on:
जम्अ करती है मुझे रात बहुत मुश्किल सेShayari By 08 Nov 2020 10:15:04 PMSherजम्अ करती है मुझे रात बहुत मुश्किल से सुब्ह को घर से निकलते ही बिखरने के लिए Continue Reading... Share on:
बच्चों के साथ आज उसे देखा तो दुख हुआShayari By 31 Oct 2020 07:04:48 AMSherबच्चों के साथ आज उसे देखा तो दुख हुआ उन में से कोई एक भी माँ पर नहीं गया Continue Reading... Share on: