वक़्त के साथ साथ इंसाँ काShayari By 21 Apr 2024 02:41:37 PMQitaवक़्त के साथ साथ इंसाँ का इक 'अजब रंग होता जाता है हिम्मतें साथ छोड़ देती हैं दायरा तंग होता जाता है [...] Continue Reading... Share on:
एक नग़्मा एक तारा एक ग़ुंचा एक जामShayari By 02 Feb 2024 08:29:33 AMGhazalएक नग़्मा एक तारा एक ग़ुंचा एक जाम ऐ ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-दौराँ तुझे मेरा सलाम ज़ुल्फ़ आवारा गरेबाँ चाक घबराई नज़र इन दिनों ये है जहाँ में ज़िंदगानी का निज़ाम [...] Continue Reading... Share on:
मैं ये किस के नाम लिक्खूँ जो अलम गुज़र रहे हैंShayari By 02 Feb 2024 07:43:19 AMGhazalमैं ये किस के नाम लिक्खूँ जो अलम गुज़र रहे हैं मिरे शहर जल रहे हैं मिरे लोग मर रहे हैं कोई ग़ुंचा हो कि गुल हो कोई शाख़ हो शजर हो वो हवा-ए-गुलसिताँ है कि सभी बिखर रहे हैं [...] Continue Reading... Share on:
नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सहीShayari By 02 Feb 2024 07:22:58 AMGhazalनहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही न तन में ख़ून फ़राहम न अश्क आँखों में नमाज़-ए-शौक़ तो वाजिब है बे-वुज़ू ही सही [...] Continue Reading... Share on:
कैसे मानूँ कि ज़माने की ख़बर रखती हैShayari By 05 Oct 2023 07:59:34 AMSherकैसे मानूँ कि ज़माने की ख़बर रखती है गर्दिश-ए-वक़्त तो बस मुझ पे नज़र रखती है Continue Reading... Share on:
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना हैShayari By 22 Aug 2021 12:46:56 PMGhazalसंसार की हर शय का इतना ही फ़साना है इक धुँद से आना है इक धुँद में जाना है ये राह कहाँ से है ये राह कहाँ तक है ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है [...] Continue Reading... Share on: