मिरा कमाल कि मैं इस फ़ज़ा में ज़िंदा हूँShayari By 26 Feb 2024 09:49:26 PMSherमिरा कमाल कि मैं इस फ़ज़ा में ज़िंदा हूँ दु'आ न मिलते हुए और हवा न होते हुए Continue Reading... Share on:
आज लब-ए-गुहर-फ़िशाँ आप ने वा नहीं कियाShayari By 04 Sep 2023 12:27:49 PMSherआज लब-ए-गुहर-फ़िशाँ आप ने वा नहीं किया तज़्किरा-ए-ख़जिस्ता-ए-आब-ओ-हवा नहीं किया Continue Reading... Share on:
तिरे बदन की ख़लाओं में आँख खुलती हैShayari By 03 Sep 2022 11:42:33 AMSherतिरे बदन की ख़लाओं में आँख खुलती है हवा के जिस्म से जब जब लिपट के सोता हूँ Continue Reading... Share on:
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैंShayari By 25 Mar 2021 11:40:14 PMSherजुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं कैसे नादान हैं शो'लों को हवा देते हैं Continue Reading... Share on:
एक झोंका हवा का आया 'ज़ेब'Shayari By 23 Jan 2024 02:13:19 PMSherएक झोंका हवा का आया 'ज़ेब' और फिर मैं ग़ुबार भी न रहा Continue Reading... Share on:
छेड़ कर जैसे गुज़र जाती है दोशीज़ा हवाShayari By 07 Jul 2022 07:56:56 PMSherछेड़ कर जैसे गुज़र जाती है दोशीज़ा हवा देर से ख़ामोश है गहरा समुंदर और मैं Continue Reading... Share on: