बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होनाShayari By 23 Mar 2024 05:05:56 PMGhazalबस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मुयस्सर नहीं इंसाँ होना गिर्या चाहे है ख़राबी मिरे काशाने की दर ओ दीवार से टपके है बयाबाँ होना [...] Continue Reading... Share on:
क़ाएम है अब भी मेरी वफ़ाओं का सिलसिलाShayari By 27 May 2021 10:50:11 AMSherक़ाएम है अब भी मेरी वफ़ाओं का सिलसिला इक सिलसिला है उन की जफ़ाओं का सिलसिला Continue Reading... Share on:
कभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते होShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalकभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते हो कभी तीर-ए-निगाह-ए-तुंद का बरसाव करते हो कभी तुम सर्द करते हो दिलों की आग गर्मी सीं कभी तुम सर्द-मेहरी सीं झटक कर बाव करते हो [...] Continue Reading... Share on:
पहले नहाई ओस में फिर आँसुओं में रातShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalपहले नहाई ओस में फिर आँसुओं में रात यूँ बूँद बूँद उतरी हमारे घरों में रात कुछ भी दिखाई देता नहीं दूर दूर तक चुभती है सूइयों की तरह जब रगों में रात [...] Continue Reading... Share on:
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा Continue Reading... Share on:
कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दियाShayari By 12 Nov 2020 01:36:15 AMGhazalकुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया मैं कैसा ज़िंदा आदमी था इक शख़्स ने मुझ को मार दिया इक सब्ज़ शाख़ गुलाब की था इक दुनिया अपने ख़्वाब की था वो एक बहार जो आई नहीं उस के लिए सब कुछ हार दिया [...] Continue Reading... Share on: