आज उन्हें कुछ इस तरह जी खोल कर देखा किएShayari By 31 Oct 2020 12:50:38 AMGhazalआज उन्हें कुछ इस तरह जी खोल कर देखा किए एक ही लम्हे में जैसे उम्र-भर देखा किए दिल अगर बेताब है दिल का मुक़द्दर है यही जिस क़दर थी हम को तौफ़ीक़-ए-नज़र देखा किए [...] Continue Reading... Share on:
इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम हैShayari By 24 Nov 2020 07:46:18 PMSherइश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए love is needlessly defamed that for vision it is keen beauty is impatient too for its splendour to be seen [...] Continue Reading... Share on: