अनगिनत सफ़ीनों में दीप जगमगाते हैंShayari By 19 Jul 2023 11:14:31 PMSherअनगिनत सफ़ीनों में दीप जगमगाते हैं रात ने लुटाया है रंग-ओ-नूर पानी पर Continue Reading... Share on:
चमक रहा है ख़ेमा-ए-रौशन दूर सितारे साShayari By 02 Apr 2021 03:36:12 AMSherचमक रहा है ख़ेमा-ए-रौशन दूर सितारे सा दिल की कश्ती तैर रही है खुले समुंदर में Continue Reading... Share on:
अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देखShayari By 20 Nov 2020 11:31:03 PMSherअच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है Continue Reading... Share on:
अब नज़अ का आलम है मुझ पर तुम अपनी मोहब्बत वापस लोShayari By 16 Nov 2020 09:41:00 PMSherअब नज़अ का आलम है मुझ पर तुम अपनी मोहब्बत वापस लो जब कश्ती डूबने लगती है तो बोझ उतारा करते हैं my end is now upon me, take back your for when a ship is sinking, the burden is removed [...] Continue Reading... Share on:
नए देस का रंग नया थाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalनए देस का रंग नया था धरती से आकाश मिला था दूर के दरियाओं का सोना हरे समुंदर में गिरता था [...] Continue Reading... Share on:
सरक ऐ मौज सलामत तो रह-ए-साहिल लेShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherसरक ऐ मौज सलामत तो रह-ए-साहिल ले तुझ को क्या काम जो कश्ती मिरी तूफ़ान में है Continue Reading... Share on: