मय-कदा है यहाँ सकूँ से बैठShayari By 20 Jan 2022 11:28:27 PMSherमय-कदा है यहाँ सकूँ से बैठ कोई आफ़त इधर नहीं आती Continue Reading... Share on:
ये कह दो हज़रत-ए-नासेह से गर समझाने आए हैंShayari By 04 Dec 2020 06:13:19 AMSherये कह दो हज़रत-ए-नासेह से गर समझाने आए हैं कि हम दैर ओ हरम होते हुए मय-ख़ाने आए हैं tell this to the priest if he has come to preach i first went to the mosque, then did the tavern reach [...] Continue Reading... Share on:
दुख़्त-ए-रज़ और तू कहाँ मिलतीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherदुख़्त-ए-रज़ और तू कहाँ मिलती खींच लाए शराब-ख़ाने से Continue Reading... Share on:
शैख़ उस की चश्म के गोशे से गोशे हो कहींShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherशैख़ उस की चश्म के गोशे से गोशे हो कहीं उस तरफ़ मत जाओ नादाँ राह मय-ख़ाने की है Continue Reading... Share on:
मैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गयाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalमैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गया ग़म की सियाह रात से घबरा के पी गया इतनी दक़ीक़ शय कोई कैसे समझ सके यज़्दाँ के वाक़िआ'त से घबरा के पी गया [...] Continue Reading... Share on:
मय-ख़ाने में मज़ार हमारा अगर बनाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमय-ख़ाने में मज़ार हमारा अगर बना दुनिया यही कहेगी कि जन्नत में घर बना Continue Reading... Share on: