दुश्मन मुझ पर ग़ालिब भी आ सकता हैShayari By 31 Aug 2023 08:02:31 PMSherदुश्मन मुझ पर ग़ालिब भी आ सकता है हार मिरी मजबूरी भी हो सकती है Continue Reading... Share on:
तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई वो सई-ए-करम फ़रमा भी गएShayari By 08 Jul 2022 08:55:19 PMGhazalतस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई वो सई-ए-करम फ़रमा भी गए इस सई-ए-करम को क्या कहिए बहला भी गए तड़पा भी गए हम अर्ज़-ए-वफ़ा भी कर न सके कुछ कह न सके कुछ सुन न सके याँ हम ने ज़बाँ ही खोली थी वाँ आँख झुकी शरमा भी गए [...] Continue Reading... Share on:
आज़ादियों के शौक़ ओ हवस ने हमें 'अदील'Shayari By 03 Feb 2021 10:46:56 AMSherआज़ादियों के शौक़ ओ हवस ने हमें 'अदील' इक अजनबी ज़मीन का क़ैदी बना दिया Continue Reading... Share on:
मैं ने सामान-ए-सफ़र बाँध के फिर खोल दियाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमैं ने सामान-ए-सफ़र बाँध के फिर खोल दिया एक तस्वीर ने देखा मुझे अलमारी से Continue Reading... Share on:
कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherकुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते Continue Reading... Share on:
हाए 'सीमाब' उस की मजबूरीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहाए 'सीमाब' उस की मजबूरी जिस ने की हो शबाब में तौबा Continue Reading... Share on: