न तो रंज-ओ-ग़म से ही रब्त है न ही आश्ना-ए-ख़ुशी हूँ मैंShayari By 02 Oct 2023 02:11:09 AMSherन तो रंज-ओ-ग़म से ही रब्त है न ही आश्ना-ए-ख़ुशी हूँ मैं मिरी ज़िंदगी भी अजीब है इसे मंज़िलों का पता नहीं Continue Reading... Share on:
ख़ुद-बख़ुद राह लिए जाती है उस की जानिबShayari By 25 Sep 2023 03:07:40 PMSherख़ुद-बख़ुद राह लिए जाती है उस की जानिब अब कहाँ तक है रसाई मुझे मालूम नहीं Continue Reading... Share on:
किस मंज़िल-ए-मुराद की जानिब रवाँ हैं हमShayari By 29 Mar 2021 11:40:14 PMSherकिस मंज़िल-ए-मुराद की जानिब रवाँ हैं हम ऐ रह-रवान-ए-ख़ाक-बसर पूछते चलो Continue Reading... Share on:
मेरी तक़दीर में मंज़िल नहीं हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमेरी तक़दीर में मंज़िल नहीं है ग़ुबार-ए-कारवाँ है और मैं हूँ Continue Reading... Share on:
मंज़िल न मिली तो ग़म नहीं हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमंज़िल न मिली तो ग़म नहीं है अपने को तो खो के पा गया हूँ Continue Reading... Share on:
मुझे आ गया यक़ीं सा कि यही है मेरी मंज़िलShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमुझे आ गया यक़ीं सा कि यही है मेरी मंज़िल सर-ए-राह जब किसी ने मुझे दफ़अतन पुकारा i then came to believe it was, my goal, my destiny when someone in my path called out to me repeatedly [...] Continue Reading... Share on: