गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गयाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherगिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया Continue Reading... Share on:
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलताShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalकभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता [...] Continue Reading... Share on:
हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalहर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी सुब्ह से शाम तक बोझ ढोता हुआ अपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आदमी [...] Continue Reading... Share on:
तौसी-ए-शहरShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMNazmबीस बरस से खड़े थे जो इस गाती नहर के द्वार झूमते खेतों की सरहद पर बाँके पहरे-दार घने सुहाने छाँव छिड़कते बोर लदे छतनार बीस हज़ार में बिक गए सारे हरे भरे अश्जार [...] Continue Reading... Share on:
हाथ आ कर लगा गया कोईShayari By 05 Nov 2020 02:07:22 PMGhazalहाथ आ कर लगा गया कोई मेरा छप्पर उठा गया कोई लग गया इक मशीन में मैं भी शहर में ले के आ गया कोई [...] Continue Reading... Share on:
तन्हाई की गली में हवाओं का शोर थाShayari By 23 Nov 2020 01:08:21 PMGhazalतन्हाई की गली में हवाओं का शोर था आँखों में सो रहा था अँधेरा थका हुआ सीने में जैसे तीर सा पैवस्त हो गया था कितना दिल-ख़राश उदासी का क़हक़हा [...] Continue Reading... Share on: