मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किए हुएShayari By 29 Feb 2024 05:32:23 AMGhazalमुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किए हुए जोश-ए-क़दह से बज़्म चराग़ाँ किए हुए करता हूँ जम्अ' फिर जिगर-ए-लख़्त-लख़्त को अर्सा हुआ है दावत-ए-मिज़्गाँ किए हुए [...] Continue Reading... Share on:
बर्क़ क्या शरारा क्या रंग क्या नज़ारा क्याShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherबर्क़ क्या शरारा क्या रंग क्या नज़ारा क्या हर दिए की मिट्टी में रौशनी तुम्हारी है Continue Reading... Share on:
तंहाई का इक और मज़ा लूट रहा हूँShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherतंहाई का इक और मज़ा लूट रहा हूँ मेहमान मिरे घर में बहुत आए हुए हैं Continue Reading... Share on:
साज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटेShayari By 13 Nov 2020 12:06:50 PMGhazalसाज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटे प्यार की रस्म को चमकाओ कि कुछ रात कटे जब ये तय है कि ग़म-ए-इश्क़ बहुत काफ़ी है ग़म का मफ़्हूम ही समझाओ कि कुछ रात कटे [...] Continue Reading... Share on:
दुनिया में हम रहे तो कई दिन प इस तरहShayari By 13 Nov 2020 12:35:12 AMSherदुनिया में हम रहे तो कई दिन प इस तरह दुश्मन के घर में जैसे कोई मेहमाँ रहे i did stay in this world but twas in such a way a guest who in the house of his enemy does stay [...] Continue Reading... Share on:
न जब तक कोई हम-प्याला हो मैं मय नहीं पीताShayari By 31 Oct 2020 03:12:46 AMSherन जब तक कोई हम-प्याला हो मैं मय नहीं पीता नहीं मेहमाँ तो फ़ाक़ा है ख़लीलुल्लाह के घर में Continue Reading... Share on: